Shat Darshan Ghamod Behda | षट दर्शन घमोड बहदा


।।अथ षट दर्शन घमोड बहदा।।

Topic: Shat Darshan Ghamod Behda | षट दर्शन घमोड बहदा
Book / Scripture: Sat Granth Sahib of Garib Das Ji
Page: 534 
Explanation: Shat Darshan Ghamod Behda | षट दर्शन घमोड बहदा by Sant Rampal Ji | Satlok Ashram

Shat Darshan Ghamod Behda | षट दर्शन घमोड बहदा | Audio mp3

Shat Darshan Ghamod Behda | षट दर्शन घमोड बहदा | Audio mp3 Longer Version

षट दर्शन षट भेष कहावैं, बहुबिधि धूंधू धार मचावैं। तीरथ ब्रत करैं तरबीता, बेद पुराण पढ़त हैं गीता।। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा, यौह बी बहदा।।1।।
चार संप्रदा बावन द्वारे, जिन्हौं नहीं निज नाम बिचारे। माला घालि हूये हैं मुकता, षट दल ऊवा बाई बकता।। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा, यौह बी बहदा।।2।।
बैरागी बैराग न जानैं, बिन सतगुरु नहीं चोट निशानैं। बारह बाट बिटंब बिलौरी। षट दर्शन में भक्ति ठगौरी।। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा यौह बी बहदा।।3।।
सन्यासी दश नाम कहावैं, शिब शिब करैं न शंशय जावैं। निर्बानी निहकछ निसारा, भूलि गये हैं ब्रह्म द्वारा।। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा यौह बी बहदा।।4।।
सुनि सन्यासी कुल कर्म नाशी, भगवैं प्यौंदी भूले द्यौंहदी। छल छिद्र की भक्ति न कीजै, आगै जुवाब कहों क्या दीजै।। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा यौह बी बहदा।।5।।
भ्रम कर्म भैंरौं कूं पूजैं, सत्य शब्द साहिब नहीं सूझैं। माला मुकटी ककड़ हुकटी, वांना गौडी भांग भसौड़ी।। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा यौह बी बहदा।।6।।
जती जलाली पद बिन खाली, नाम न रता घोरी घता। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा यौह बी बहदा।।7।।
मढी बसंता ओढै कंथा, बनफल खावैं नगर न जावैं।। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा यौह बी बहदा।।8।।
जंगम जैंनी फोकट फैनी, नाम न चीन्हा गुरु गुण हीना, यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा यौह बी बहदा।।9।।
गलरी जिन्दा मस्तक बिन्दा, गूगल खेवैं जंत्र सेवैं। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा यौह बी बहदा।।10।।
आकी दौरा बांधि बटौरा, धूमा धामी कैसे स्वामी। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा, यौह बी बहदा।।11।।
नग्न निराशा तन कूं त्रासा, पशु प्राणी श्वान समानी। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा, यौह बी बहदा।।12।।
इन्द्री चीरा घालि जंजीरा, घूंघर बाजैं मूढ न लाजैं। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा, यौह बी बहदा।।13।।
धूंमी धामा करते सामा, मांडि अखाड़ा रोपैं बाड़ा। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा, यौह बी बहदा।।14।।
हाथौं करुवा काँधै फरुवा, खौलि बनावैं सिद्ध कहावैं।। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा यौह बी बहदा।।15।।
जटा जलं धम भूले अंधम, तन बैरागी छापा दागी। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा यौह बी बहदा।।16।।
बेद पुराणी कथा कहानी, पढि पढि भूले अर्थ न खूल्हे। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा यौह बी बहदा।।17।।
भूले जोगी रिद्धि के रोगी, कान चिरावैं भस्म रमावैं। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा यौह बी बहदा।।24।।
तोरैं पाती आत्म घाती, मूढ अनारी जड़ सें तारी। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा यौह बी बहदा।।25।।
ताल मंजीरा मन नहीं थीरा, बहु बिधि नाचैं नाम न बांचैं। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा यौह बी बहदा।।26।।
ये उरध बांही भूले सांई, धूमर पाना, भेद न जाना। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा, यौह बी बहदा।।27।।
तपा अकाशी बाहर मासी, मौंनी पीठी पंच अंगीठी। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा यौह बी बहदा।।28।।
सरबर मांही झरणैं न्हांही, बुद्धि के बौरा, ले गई जौंरा। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा यौह बी बहदा।।29।।
कन्द कपाली अंदर खाली, बाहर सिद्धा ये हैं गद्धा। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा यौह बी बहदा।।30।।
चैरासी की चाल न चलिये, अरदावा काहे कूं दलिये। मीही पीस मनी कूं मारो, मगज कुफर का बोझा डारो। यौह बी बहदा है। बहदे सें भेद अलहदा, यौह बी बहदा।।31।।
लंगर लोभी ऊपर शोभी, अंदर करूवा भांडी भरूवा। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा यौह बी बहदा।।32।।
भेष अटंबर डाग दिगंबर, लावैं चींधी सुरति न सींधी। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा यौह बी बहदा।।33।।
मति के बौरा करते डौरा, जोग न जांनी भूले प्राणी। यौह बी बहदा है, बहदे सें भेद अलहदा, यौह बी बहदा।।34।।
उज्जल हिरंबर चीन्ह बिश्बंभर, दास गरीबं शब्द तबीबं। याह साक्षी सुरति सलहदा है।।35।।