Rag Dhanasari | राग धनासरी


राग धनासरी | Rag Dhanasari

Topic: राग धनासरी (Rag Dhanasari)
Book: Sat Granth Sahib of Garib Das Ji
Page: 996
Explanation: Sant Rampal Ji Maharaj | Satlok Ashram

राग धनासरी | Rag Dhanasari | Audio mp3

तुहीं मेरे बेदं तुहीं मेरे नादं। तुहीं मेरे अंत राम तुहीं मेरे आदं।।1।। तुहीं मेरे तिलकं तुहीं मेरे माला। तुहीं मेरे ठाकुर राम रूप बिशाला।।2।। तुहीं मेरे बागं तुहीं मेरे बेला। तुहीं मेरे पुष्प राम रूप नबेला।।3।। तुहीं मेरे तरबर तुहीं मेरे साखा। तुहीं मेरे बानी राम तुहीं मेरे भाषा।।4।। तुहीं मेरे पूजा तुहीं मेरे पाती। तुहीं मेरे देवल राम मैं तेरा जाती।।5।। तुहीं मेरे पाती तुहीं मेरे पूजा। तुहीं तेरे तीरथ राम और नहीं दूजा।।6।।तुहीं मेरे कलबिरछ और कामधैंना। तुहीं मेरे राजाराम तुहीं मेरे सैंना।।7।। तुहीं मेरे मालिक तुहीं मेरे मोरा। तुहीं मेरे सुलतान राम तुहीं है उजीरा।।8।। तुहीं मेरे मुदरा तुहीं मेरे सेली। तुहीं मेरे मुतंगा राम तुही मेरा बेली।।9।। तुहीं मेरे चीपी तुहीं मेरे फरुवा। मैं तेरा चेला राम तुहीं मेरा गुरुवा।।10।। तुही मेरे कौसति तुहीं मेरे लालं। तुहीं मेरे पारस राम तुहीं मेरे मालं।।11।। तुहीं मेरे हीरा तुहीं मेरे मोती। तुहीं बैरागर राम जगमग जोती।।12।। तुहीं मेरे पौहमी धरनि अकाशा। तुहीं मेरे कूरंभ राम तुहीं है कैलासा।।13।। तुहीं मेरे सूरजि तुहीं मेरे चंदा। तुहीं तारायन राम परमानंदा।।14।। तुहीं मेरे पौंना तुहीं मेरे पांनी। तेरी लीला राम किनहूं न जानी।।15।। तुहीं मेरे कारतगस्वामी गणेशा। तेरा ही ध्यान राम धरैं हमेशा।।16।। तुहीं मेरे लछमी तुहीं मेरे गौरा। तुहीं सावित्राी राम ॐ अंग तोरा।।17।। तुहीं मेरे ब्रह्मा शेष महेशा। तुहीं मेरे बिष्णु राम जै जै आदेशा।।18।। तुहीं मेरे इन्द्र तुहीं है कुबेरा। तुहीं मेरे बरुण राम तुहीं धरम धीरा।।19।। तुहीं मेरे सरबंग सकल बियापी। तैंहीं आपनी राम थापनि थापी।।20।। तुहीं मेरे पिण्डा तुहीं मेरे श्वासा। तेरा ही ध्यान राम धरे गरीबदासा।।21।।1।।