Saato baar ki Rameni | सातों बार की रमैंणी


Granth Sahib of Garib Das Ji Maharaj

सातों बार की रमैंणी | Saato baar ki Rameni

Topic: सातों बार की रमैंणी (Saato baar ki Rameni)
Book: Sat Granth Sahib of Garib Das Ji
Page: 709
Explanation: Sant Rampal Ji Maharaj | Satlok Ashram

सातों बार समूल बखानों, पहर घड़ी पल ज्योतिष जानो।1। ऐतवार अन्तर नहीं कोई, लगी चांचरी पद में सोई।2।
सोम सम्भाल करो दिन राती, दूर करो नै दिल की कांती।3। मंगल मन की माला फेरो, चैदह कोटि जीत जम जेरो।4।
बुद्ध विनानी विद्या दीजै, सत सुकृत निज सुमिरण कीजै।5। बृहस्पति भ्यास भये बैरागा, तांते मन राते अनुरागा।6।
शुक्र शाला कर्म बताया, जद मन मान सरोवर न्हाया।7। शनिश्चर स्वासा माहिं समोया,जब हम मकरतार मग जोया।8।
राहु केतु रोकैं नहीं घाटा, सतगुरु खोलें बजर कपाटा।9। नौ ग्रह नमन करैं निर्बाना, अबिगत नाम निरालम्भ जाना।10।
नौ ग्रह नाद समोये नासा, सहंस कमल दल कीन्हा बासा।11। दिशासूल दहौं दिस का खोया, निरालम्भ निरभै पद जोया।12।
कठिन विषम गति रहन हमारी, कोई न जानत है नर नारी।13। चन्द्र समूल चिन्तामणि पाया, गरीबदास पद पदहि समाया।14।